शुक्रवार, 27 मार्च 2020

2 महीने का राशन और खिचड़ी केंद्र, कोरोना से ऐसे जंग लड़ रहा है झारखंड

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लाभार्थियों को दो महीने का राशन देने का फैसला किया है. सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि इस फैसले से झारखंड के करीब 90 फीसदी परिवार को फायदा मिलेगा.
  • सोरेन सरकार ने जारी किया रेट चार्ज
  • राज्य में खोले जाएंगे 350 खिचड़ी केंद्र
कोरोना से निपटने के लिए पूरा देश लॉकडाउन है. केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से लॉकडाउन के दौरान खाने-पीने के सामान की आपूर्ति के लिए खास इंतजाम किए जा रहे हैं. झारखंड ने भी अपनी कमर कस ली है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लाभार्थियों को दो महीने का राशन देने का फैसला किया है.
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि इस फैसले से झारखंड के करीब 90 फीसदी परिवार को फायदा मिलेगा. लोगों को भरोसा दिलाते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि निश्चिंत रहें, आपका बेटा या भाई झारखंड के लोगों की मदद के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. अभी तक झारखंड में कोरोना का कोई भी मामला नहीं आया है.
रेट चार्ट जारी
झारखंड सरकार ने बुधवार को सार्वजनिक वितरण आउटलेट्स पर आवश्यक वस्तुओं का रेट-चार्ट जारी किया था. रिपोर्ट के अनुसार, लॉकडाउन का फायदा उठाकर कुछ राशन की दुकानें वस्तुओं के लिए अधिक दाम ले रही है. इसके बाद रेट चार्ट जारी किया गया है. सरकार ने लोगों को यह आश्वासन भी दिया था कि उनके पास कई दिनों का पर्याप्त मात्रा में खाद्य स्टाक है.रांची के उपायुक्त राय महिमापत रे ने कहा कि प्रशासन ने आवश्यक वस्तुओं के लिए लोगों को ऑर्डर देने के लिए एक ऐप - वेजीगो शुरू किया है. उन्होंने कहा कि प्रशासन ने आवश्यक वस्तुओं के लिए एक होम डिलीवरी सेवा भी शुरू की है. इस बीच, झारखंड के वित्त, खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामेश्वर उरांव ने संबंधित अधिकारियों से नए राशन कार्डों के वितरण में तेजी लाने और 1 रुपये प्रति किलो की निर्धारित सब्सिडी दर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए कह
खुल रहे हैं खिचड़ी केंद्र
रामेश्वर उरांव ने अपने विभाग के अधिकारियों को राज्य भर में 'मुखिया दाल-भात योजना' के तहत 'खिचड़ी' परोसने और जरूरतमंदों को अपने बर्तनों के साथ आने और भीड़ से बचने के लिए घर ले जाने का निर्देश दिया. सीएम हेमंत सोरेन ने कहा था कि लॉकडाउन अवधि के दौरान गरीबों की सेवा के लिए राज्य में 350 'खिचड़ी केंद्र' खोले जाएंगे.

गुरुवार, 26 मार्च 2020

देश8.3 करोड़ परिवार को 3 महीने तक फ्री मिलेगा गैस सिलेंडर, जानिए क्या है कंडीशन

 कोरोनावायरस के खतरे के मद्देनजर आज देशव्यापी लॉकडाउन का दूसरा दिन है. इस बीच. केंद्र सरकार ने गरीबों की मदद के लिए खजाना खोल दिया है. लॉकडाउन से आम आदमी को राहत देने के लिए वित्त मंत्री ने आज 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया है. इस महापैकेज में वैसे तो कई घोषणाएं हैं मगर उसमें से सबसे प्रमुख है फ्री गैस सिलेंडर का. दरअसल, वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 3 महीने तक रसोई गैस सिलेंडर फ्री देने का ऐलान किया है.इससे 8.3 करोड़ महिलाओं का फायदा मिलेगा. वित्त मंत्री ने बताया कि उज्ज्वला योजना के तहत बीपीएल परिवारों को तीन महीने तक फ्री सिलिंडर मिलेगा. इससे देश के 40 करोड़ रुपये परिवारों को फायदा पहुंचेगा. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत ग्राहकों को मुफ्त गैस कनेक्शन मिलता है. हालांकि इस योजना में बदलाव का लाभ 1 अगस्त 2019 से जुड़ने वाले ग्राहकों को ही मिलेगा. तेल कंपनियों ने जुलाई 2020 तक ईएमआई रिकवरी प्लान टालने का फैसला किया है.उज्ज्वला योजना के तहत ग्राहक को एक स्टोव और एक LPG सिलेंडर देती है. इसकी कुल कीमत 3,200 रुपये है. इसमें 1,600 रुपये की सब्सिडी सरकार देती है. वहीं बाकी 1,600 रुपये तेल कंपनियां ग्राहकों को लोन के रूप में देती है. ग्राहकों को इसका भुगतान ईएमआई के रूप में करना होता है. 14.2 किलो का सिलेंडर खरीदने वाले ग्राहकों को पहले 6 रिफिल पर कोई ईएमआई नहीं देना होगा. सातवें रिफिल से ईएमआई की शुरुआत हो जाएगी. उसी तरह, अगर आप 5 किग्रा का एलपीजी सिलेंडर खरीदते हैं तो शुरुआती 17 रिफिल पर ईएमआई नहीं देना होगा. आपको सब्सिडी की पूरी रकम मिलेगी.

उज्जवला योजना के लिए ऐसे करें आवेदन?

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन लेने के लिए BPL परिवार की कोई महिला आवेदन कर सकती है. इसके लिए आपको KyC फार्म भर कर नजदीकी एलपीजी केंद्र में जमा करना होगा. PMUY में आवेदन के लिए 2 पेज का फॉर्म, जरूरी दस्‍तावेज, नाम, पता, जन धन बैंक अकाउंट नंबर, आधार नंबर आदि की जरूरत पड़ती है. आवेदन करते समय आपको यह भी बताना होगा कि आप 14.2 किलोग्राम का सिलेंडर लेना चाहते हैं या 5 किलोग्राम का. PMUY का आवेदन पत्र आप प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं. आप नजदीकी एलपीजी केंद्र से भी आवेदन फॉर्म ले सकते हैं.
उज्जवला योजना के लिए कौन से दस्तावेज जरूरी?
पंचायत अधिकारी या नगर निगम पालिका अध्‍यक्ष द्वारा अधिकृत BPL कार्ड
बीपीएल (BPL) राशन कार्ड
फोटो आईडी (आधार कार्ड, वोटर आईडी)
पासपोर्ट साइज की फोटो
राशन कार्ड की कॉपी
राजपत्रित अधिकारी (गैजेटेड अधिकारी) द्वारा सत्यापित स्व-घोषणा पत्र
LIC पालिसी, बैंक स्टेटमेंट
BPL सूची में नाम का प्रिंट आउट

अन्य जरूरी बातें

आवेदक का नाम SECC-2011 के आंकड़ों में होना चाहिए.
आवेदक महिला होनी चाहिए जिसकी उम्र 18 साल से कम ना हो.
महिला बीपीएल (BPL) परिवार से ही होनी चाहिए.
महिला का एक बचत खाता किसी राष्‍ट्रीय बैंक में होना अनिवार्य है.
आवेदक के घर में किसी के नाम से पहले से कोई एलपीजी कनेक्‍शन नहीं होना चाहिए.
आवेदक के पास बीपीएल कार्ड और और बीपीएल राशन कार्ड होना चाहिए.
 वर्तमान में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए पूरे देश को लॉक डाउन किया गया है। ऐसे में आम जनता को जरूरी समानों की खरीदारी में हो रही परेशानी को देखते हुए बिग बाजार, विशाल मेगामार्ट के प्रबंधक को हाॅम डिलिवरी के माध्यम से शहरी और आस पास लोगों के घरों तक खाद्यान्न पहुंचाने की सुविधा मुहैया कराने का निर्देश दिया गया है। आप सभी से आग्रह होगा कि अपने घरों में रहकर ही खाद्यान्नों का क्रय करें, ताकि राशन दुकानों में अत्यधिक भीड़ न एकत्रित हो।

झारखंड में मनरेगा की मजदूरी 23 रुपये रोजाना बढ़ी


झारखंड में मनरेगा मजदूरों की मजदूरी 23 रुपए प्रति दिन बढ़ा दी गई है। इसका फायदा प्रदेश के लगभग 34.71 लाख मनरेगा मजदूरों को मिलेगा। मनरेगा के तहत इतने जॉब कार्डधारी मजदूर फिलहाल सक्रिय हैं। भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने यह फैसला लिया है।
झारखंड में मनरेगा मजदूरों की पगार पहले 171 रुपए प्रति दिन थी। इसे बढ़ाकर 194 रुपए प्रति दिन की गई है। भारत सरकार ने इस फैसले की जानकारी झारखंड सरकार को दे दी है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव रोहित कुमार ने झारखंड सरकार को इस आशय का पत्र भेजा है। मनरेगा मजदूरी की बढ़ी हुई दर आगामी एक अप्रैल से लागू होगी। एक अप्रैल के बाद मनरेगा की किसी परियोजना में काम करने वाले मजदूरों को 194 रुपए रोजाना की दर पर पगार मिलेगी।
फिर भी झारखंड सरकार की न्यूनतम मजदूरी से कम 
मनरेगा की मजदूरी रोजाना 194 रुपए करने के बावजूद यह झारखंड सरकार की ओर से अकुशल मजदूरों के लिए तय न्यूनतम मजदूरी से कम है। झारखंड सरकार की ओर से तय न्यूनतम मजदूरी 242 रुपए प्रति दिन है। प्रदेश में मनरेगा की न्यूनतम मजदूरी झारखंड सरकार के बराबर करने की मांग लंबे समय से होती रही है। यह सियासी मुद्दा भी बनता रहा है। मनरेगा की न्यूनतम मजदूरी और झारखंड सरकार की न्यूनतम मजदूरी के अंतर को पाटने के लिए झारखंड सरकार सरकार अपने स्तर से पहल कर सकती है। कुछ राशि राज्य सरकार के फंड से प्रोत्साहन भत्ता के तौर पर दी जा सकती है। यह केंद्र को भेजे जाने वाले मानव दिवस बजट से अलग होगा।
राज्य सरकार ने भेजा था 272 रुपए करने का प्रस्ताव
झारखंड सरकार ने मनरेगा मजदूरों की दैनिक मजदूरी 272 रुपए प्रति दिन करने का प्रस्ताव भेजा था। ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने विधानसभा में इसकी जानकारी भी दी थी। उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार मनरेगा मजदूरों की मजदूरी बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बना रही है। जल्दी ही इसके बेहतर परिणाम आने की संभावना है। परंतु, केंद्र सरकार ने झारखंड सरकार के प्रस्ताव को पूरी तरह से नहीं माना। केवल झारखंड की मनरेगा मजदूरी बिहार के बराबर कर दी। ज्ञात हो कि बिहार में भी मनरेगा की मजदूरी 194 रुपए रोजाना ही है।

राजस्थान के भीलवाड़ा में कोरोना तीसरे स्टेज में पहुंचा*

 *राजस्थान के भीलवाड़ा में कोरोना तीसरे स्टेज में पहुंचा*

वो इस तरह समझे.......

ये स्टेज क्या होती हैं?

(नीचे नाम एवं पद काल्पनिक है,डॉक्टर की जगह सेठजी है)

*पहली स्टेज* 1⃣

विदेश से  दिनेश आया। एयरपोर्ट पर उसको बुखार नहीं था। उसको घर जाने दिया गया। पर उससे एयरपोर्ट पर एक शपथ पत्र भरवाया गया कि वह 14 दिन तक अपने घर में कैद रहेगा। और बुखार आदि आने पर इस नम्बर पर सम्पर्क करेगा।
घर जाकर उसने शपथ पत्र की शर्तों का पालन किया।
वह घर में कैद रहा।
यहां तक कि उसने घर के सदस्यों से भी दूरी बनाए रखी।

दिनेश की मम्मी ने कहा कि अरे तुझे कुछ नहीं हुआ। अलग थलग मत रह। इतने दिन बाद घर का खाना मिलेगा तुझे, आजा किचिन में... मैं गरम गरम् परोस दूं।
दिनेश ने मना कर दिया।

अगली सुबह मम्मी ने फिर वही बात कही। इस बार दिनेश को गुस्सा आ गया। उसने मम्मी को चिल्ला दिया। मम्मी की आंख में आंसू झलक आये। मम्मी बुरा मान गयीं।

दिनेश ने सबसे अलग थलग रहना चालू रखा।

6-7वें दिन दिनेश को बुखार सर्दी खांसी जैसे लक्षण आने लगे। दिनेश ने हेल्पलाइन पर फोन लगाया। कोरोना टेस्ट किया गया। वह पॉजिटिव निकला।
उसके घर वालों का भी टेस्ट किया गया। वह सभी नेगेटिव निकले।
पड़ोस की 1 किमी की परिधि में सबसे पूछताछ की गई। ऐसे सब लोगों का टेस्ट भी किया गया। सबने कहा कि नवांकुर को किसी ने घर से बाहर निकलते नही देखा।
चूंकि उसने अपने आप को अच्छे से आइसोलेट किया था इसीलिए उसने किसी और को कोरोना नहीं फैलाया।
दिनेश जवान था। कोरोना के लक्षण बहुत मामूली थे। बस बुखार सर्दी खांसी बदन दर्द आदि हुआ। 7 दिन के ट्रीटमेंट के बाद वह बिल्कुल ठीक होकर अस्पताल से छुट्टी पाकर घर आ गया।

जो मम्मी कल बुरा मान गईं थीं, वो आज शुक्र मना रहीं हैं कि घर भर को कोरोना नहीं हुआ।

यह पहली स्टेज जहां सिर्फ विदेश से आये आदमी में कोरोना है। उसने किसी दूसरे को यह नहीं दिया।
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स्टेज 2-  राजू में कोरोना पॉजिटिव निकला।
उससे उसकी पिछले दिनों की सारी जानकारी पूछी गई। उस जानकारी से पता चला कि वह विदेश नहीं गया था। पर वह एक ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आया है जो हाल ही में विदेश होकर आया है। वह परसों गहने खरीदने के लिए एक ज्वेलर्स पर गया था। वहां के सेठजी हाल ही में विदेश घूमकर लौटे थे।

सेठजी विदेश से घूमकर आये थे।उनको एयरपोर्ट पर बुखार नहीं था। इसी कारण उनको घर जाने दिया गया। पर उनसे शपथ पत्र भरवा लिया गया, कि वह अगले 14 दिन एकदम अकेले रहेंगे और घर से बाहर नहीं निकलेंगे। घर वालों से भी दूर रहेंगे।
विदेश से आये इस सेठ  ने एयरपोर्ट पर भरे गए उस शपथ पत्र की धज्जियां उड़ाईं।
घर में वह सबसे मिला।
शाम को अपनी पसंदीदा सब्जी खाई।
और अगले दिन अपनी ज्वेलेरी दुकान पर जा बैठा। (पागल हो क्या! सीजन का टेम है, लाखों की बिक्री है, ज्वेलर साब अपनी दुकान बंद थोड़े न करेंगे)

6वें दिन ज्वेलर को बुखार आया। उसके घर वालों को भी बुखार आया। घर वालों में बूढ़ी मां भी थी।
सबकी जांच हुई। जांच में सब पॉजिटिव निकले।

यानि विदेश से आया आदमी खुद पॉजिटिव।
फिर उसने घर वालों को भी पॉजिटिव कर दिया।

इसके अलावा वह दुकान में 450 लोगों के सम्पर्क में आया। जैसे नौकर चाकर, ग्राहक आदि।
उनमें से एक ग्राहक राजू था।

सब 450 लोगों का चेकअप हो रहा है। अगर उनमें किसी में पॉजिटिव आया तो भी यह सेकंड स्टेज है।

डर यह है कि इन 450 में से हर आदमी न जाने कहाँ कहाँ गया होगा।

कुल मिलाकर स्टेज 2 यानी कि जिस आदमी में कोरोना पोजिटिव आया है, वह विदेश नहीं गया था। पर वह एक ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आया है जो हाल ही में विदेश होकर आया है।
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*स्टेज 3*

मनोज को सर्दी खांसी बुखार की वजह से अस्पताल में भर्ती किया, वहां उसका कोरोना पॉजिटिव आया।
पर मनोज न तो कभी विदेश गया था।
न ही वह किसी ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आया है जो हाल ही में विदेश होकर आया है।

यानि हमें अब वह स्रोत नहीं पता कि मनोज को कोरोना आखिर लगा कहाँ से??

स्टेज 1 में आदमी खुद विदेश से आया था।

स्टेज 2 में पता था कि स्रोत सेठजी हैं। हमने सेठजी और उनके सम्पर्क में आये हर आदमी का टेस्ट किया और उनको 14 दिन के लिए अलग थलग कर दिया।

स्टेज 3 में आपको स्रोत ही नहीं पता।

 स्रोत नहीं पता तो हम स्रोत को पकड़ नहीं सकते। उसको अलग थलग नहीं कर सकते।
वह स्रोत न जाने कहाँ होगा और अनजाने में ही कितने सारे लोगों को इन्फेक्ट कर देगा।

*स्टेज 3 बनेगी कैसे?*

सेठजी जिन 450 लोगों के सम्पर्क में आये। जैसे ही सेठजी के पॉजिटिव होने की खबर फैली, तो उनके सभी ग्राहक,नौकर नौकरानी, घर के पड़ोसी, दुकान के पड़ोसी, दूध वाला, बर्तन वाली, चाय वाला....सब अस्पताल को दौड़े।
सब लोग कुल मिलाकर 440 थे।
10 लोग अभी भी नहीं मिले।
पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीम उनको ढूंढ रही है।
उन 10 में से अगर कोई किसी मंदिर आदि में घुस गया तब तो यह वायरस खूब फैलेगा।
यही स्टेज 3 है जहां आपको स्रोत नहीं पता।

*स्टेज 3 का उपाय*
14 दिन का lockdown
कर्फ्यू लगा दो।
शहर को 14 दिन एकदम तालाबंदी कर दो।
किसी को बाहर न निकलने दो।

इस तालाबंदी से क्या होगा??

हर आदमी घर में बंद है।
जो आदमी किसी संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में नहीं आया है तो वह सुरक्षित है।
जो अज्ञात स्रोत है, वह भी अपने घर में बंद है। जब वह बीमार पड़ेगा, तो वह अस्पताल में पहुंचेगा। और हमें पता चल जाएगा कि अज्ञात स्रोत यही है।

हो सकता है कि इस अज्ञात श्रोत ने अपने घर के 4 लोग और संक्रमित कर दिए हैं, पर बाकी का पूरा शहर बच गया।

अगर LOCKDOWN न होता। तो वह स्रोत पकड़ में नहीं आता। और वह ऐसे हजारों लोगों में कोरोना फैला देता। फिर यह हजार अज्ञात लोग लाखों में इसको फैला देते। इसीलिए lockdown से पूरा शहर बच गया और अज्ञात स्रोत पकड़ में आ गया।

*क्या करें कि स्टेज 2, स्टेज 3 में न बदले।*
Early lockdown यानी स्टेज 3 आने से पहले ही तालाबन्दी कर दो।
यह lockdown 14 दिन से कम का होगा।

उदाहरण के लिए
सेठजी एयरपोर्ट से निकले
उनने धज्जियां उड़ाईं।
घर भर को कोरोना दे दिया।
सुबह उठकर दुकान खोलने गए।
(गजब आदमी हो यार! सीजन का टेम है, लाखों की बिक्री है, अपनी दुकान बंद कैसें कर लें)

पर चूंकि तालाबंदी है।
तो पुलिस वाले सेठजी की तरफ डंडा लेकर दौड़े।
डंडा देख सेठजी शटर लटकाकर भागे।

अब चूंकि मार्किट बन्द है।
तो 450 ग्राहक भी नहीं आये।
सभी बच गए।
राजू भी बच गया।
बस सेठजी के परिवार को कोरोना हुआ।
6वें 7वें दिन तक कोरोना के लक्षण आ जाते हैं। विदेश से लौटे लोगों में लक्षण आ जाये तो उनको अस्पताल पहुंचा दिया जायेगा। और नहीं आये तो इसका मतलब वो कोरोना नेगेटिव हैं।

शुक्रवार, 20 मार्च 2020

  • मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में कई विभागों में कर्मियों की काफी कमी है। वहीं, दूसरी ओर कई विभागों में कर्मियों की संख्या ज्यादा है और वे बैठे रहते हैं। सरकार के अनाज गोदामों में न कोई पहरेदार है और न कोई लेखा जोखा रखने वाला है। नियुक्ति की भी बात उठती है। इसलिए प्रशासनिक सुधार आयोग का गठन किया जा रहा है। पारा शिक्षकाें का मामला भी इसी आयाेग में भेजा जाएगा। सरकार पारा शिक्षकों की नियमितिकरण की दिशा में काम कर रही है। आयाेग की अनुशंसा पर ही पारा शिक्षकाें के स्थायीकरण या नियमितीकरण पर फैसला हाेगा। गुरुवार काे सुदेश महताे द्वारा पारा शिक्षकाें काे नियमित करने के लिए ध्यानाकर्षण में सवाल उठाए जाने के बाद शिक्षा मंत्री के जवाब के बीच मुख्यमंत्री हेमंत साेरेन ने हस्तक्षेप करते हुए ये बात कही।सीएम ने कहा कि हमारी चाहत है कि सभी स्कूलों में टीचर रहें। यहां शिक्षकों की कमी है। इसलिए जो पारा शिक्षक हैं, उनके संबंध में विचार कर निर्णय लिया जाएगा। आवश्यकता होगी तो और बहाली भी करेंगे। लेकिन आयोग के माध्यम से ही सबकुछ आगे बढ़ेगा।हालांकि सीपी सिंह ने इस पर कहा कि सीएम यह साफ नहीं बोल रहे हैं कि पारा शिक्षकों का नियमितिकरण और स्थायीकरण कब होगा, वे सिर्फ लंबा-लंबा दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने फिर से अपनी बाताें काे दुहराते हुए कहा कि 17 साल हो गये लेकिन इन्होंने कुछ नहीं किया। आयोग की अनुसंशा आएगी तो इस मामले पर विचार होगा।मुख्यमंत्री के जवाब देने के पहले शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने सुदेश महतो के सवाल का जवाब दिया। उन्हाेंने कहा कि इस सरकार को सभी की चिंता है। पारा टीचर के मामले में सरकार गंभीर है। इसके लिए नियमावली बनाने लिए समिति बनी है। जल्द ही समाधान होगा। पारा शिक्षकों के नियमितीकरण व स्थायीकरण का लगभग 150 मामला हाईकोर्ट में चल रहा है। इस पर सरकार की नजर है। पिछली सरकार ने पारा शिक्षकों पर लाठी बरसायी थी और जेल भी भेजा था, लेकिन हेमंत सरकार न लाठी बरसाएगी और किसी को जेल भेजेगी। सुदेश महतो ने कहा कि इस पर राजनीतिक बयान नहीं बल्कि ठोस निर्णय बताएं। इस पर जगरनाथ महतो ने कहा कि नियमावली बनने के बाद पारा टीचर की सभी मांगों को पूरा किया जाएगा।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन। (फाइल)

झारखंड : अब तक 40 संदिग्धो की जांच, किसी में कोरोना की पुष्टि नहीं

राज्य में गुरुवार को कोरोना के आठ और संदिग्ध मिले हैं। इसमें तीन लोग के सैंपल जमशेदपुर में लिए गए जबकि दो के सैंपल धनबाद में लिए गए। इसके अलावा रिम्स में दो संदिग्ध पहुंचे जिनका सैंपल लिया गया है।...

मंगलवार, 17 मार्च 2020

कीमत एक जैसी पर Jio से ज्यादा फायदे वाले वोडाफोन के प्लान

वोडाफोन-आइडिया और रिलायंस जियो दोनों के पास ही 249 रुपये, 399 रुपये और 599 रुपये वाले प्रीपेड रिचार्ज प्लान हैं। वोडाफोन के इन प्लान में जियो से कहीं ज्यादा डेटा और कॉलिंग बेनेफिट मिल रहे हैं।  टेलिकॉम कंपनियों में ग्राहकों को अपने पाले में करने के लिए कड़ा मुकाबला चल रहा है। कंपनियां नए प्लान लाने के साथ ही पुराने प्लान्स में फायदे बढ़ा रही हैं। वोडाफोन आइडिया ने हाल में अपने 249 रुपये, 399 रुपये और 599 रुपये वाले प्रीपेड प्लान्स में हर दिन मिलने वाला डेटा दोगुना कर दिया है। ज्यादा डेटा मिलने के साथ ही वोडाफोन के ये प्लान्स दूसरों पर 'भारी' हो गए हैं। हमने वोडाफोन और रिलायंस जियो के 249 रुपये, 399 रुपये और 599 रुपये वाले प्लान्स की तुलना की है, तो आइए जानते हैं कि वोडाफोन के प्लान्स में यूजर्स को कौन से ज्यादा बेनेफिट मिल रहे हैं।       वोडा के 249 रुपये वाले प्लान में 28GB ज्यादा डेटा।                
अगर वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जियो के 249 रुपये वाले प्रीपेड रिचार्ज प्लान की तुलना करें तो दोनों ही प्लान में 28 दिन की वैलिडिटी मिलती है। जियो के इस प्लान में टोटल 56GB डेटा मिलता है। यानी, प्लान में हर दिन 2GB डेटा दिया जाता है। वहीं, वोडाफोन आइडिया के 249 रुपये वाले प्लान में डेटा डेटा ऑफर के तहत हर दिन 3GB डेटा दिया जा रहा है। इस प्लान में टोटल 84GB डेटा मिलता है। यानी, वोडाफोन के प्लान में जियो से 28GB ज्यादा डेटा मिलता है। इसके अलावा, वोडाफोन के प्लान में किसी भी नंबर पर फ्री कॉलिंग का फायदा मिलता है। जबकि जियो के 249 रुपये वाले प्लान में जियो-टू-जियो कॉलिंग ही फ्री है। दूसरे नेटवर्क के नंबर पर कॉल करने के लिए प्लान में 1,000 नॉन जियो मिनट मिलते हैं।
कंपनीप्लानटोटल डेटावैलिडिटी
रिलायंस जियो249 रुपये56GB28 दिन
वोडाफोन आइडिया249 रुपये84GB28 दिन

वोडा के 399 रुपये वाले प्लान में जियो से दोगुना डेटा                              
वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जियो के 399 रुपये वाले प्लान की तुलना करें तो दोनों प्लान की वैलिडिटी 56 दिन की है। जियो के 399 रुपये वाले प्लान में हर दिन 1.5GB डेटा मिलता है। यानी, इस प्लान में टोटल 84GB डेटा मिलता है। जबकि वोडाफोन आइडिया के 399 रुपये वाले प्लान में हर दिन 3GB डेटा दिया जा रहा है। वोडाफोन के इस प्लान में टोटल 168GB डेटा मिलता है। यानी, वोडाफोन के इस प्लान में जियो से दोगुना डेटा मिल रहा है। इसके अलावा, वोडाफोन के प्लान में किसी भी नंबर पर फ्री कॉलिंग का फायदा मिलता है। जबकि जियो के प्लान में जियो-टू-जियो कॉलिंग ही फ्री है। दूसरे नेटवर्क के नंबर पर कॉल करने के लिए जियो के प्लान में 2,000 नॉन जियो मिनट मिलते हैं।
कंपनीप्लानटोटल डेटावैलिडिटी
रिलायंस जियो399 रुपये84GB56 दिन
वोडाफोन आइडिया399 रुपये168GB56 दिन

वोडा के 599 रुपये वाले प्लान में जियो से 84GB ज्यादा डेटा
वोडाफोन आइडिया और जियो दोनों के 599 रुपये वाले प्लान में 84 दिन की वैलिडिटी मिलती है। अगर मिलने वाले डेटा की बात करें तो जियो के 599 रुपये वाले प्लान में हर दिन 2GB डेटा मिलता है। यानी, इस प्लान में टोटल 168GB डेटा मिलता है। वहीं, वोडाफोन आइडिया के 599 रुपये वाले प्लान में हर दिन 3GB डेटा मिलता है। इस हिसाब से इस प्लान में टोटल 252GB डेटा मिलता है। वोडाफोन के प्लान में 84GB ज्यादा डेटा मिलता है। वोडाफोन आइडिया के प्लान में किसी भी नंबर पर अनलिमिटेड कॉलिंग का फायदा मिलता है। जबकि जियो के 599 रुपये वाले प्लान में जियो-टू-जियो कॉलिंग ही फ्री है। दूसरे नेटवर्क के नंबर पर कॉल करने के लिए प्लान में 3,000 नॉन जियो मिनट मिलते हैं।

कंपनीप्लानटोटल डेटावैलिडिटी
रिलायंस जियो599 रुपये168GB84 दिन
वोडाफोन आइडिया599 रुपये252GB डेटा84 दिन

इसके अलावा, रिलायंस जियो और वोडाफोन आइडिया के इन तीनों प्रीपेड रिचार्ज प्लान्स में यूजर्स को हर दिन 100 SMS भेजने की सहूलियत मिलती है। जियो के इन प्लान्स में जियो ऐप्स का कॉम्प्लीमेंट्री सब्सक्रिप्शन मिलता है। वहीं, वोडाफोन आइडिया के इन प्लान में Vodafone Play और Zee5 का सब्सक्रिप्शन मिलता है।

13000 रुपये की बचत पर TVS की बाइक और स्कूटर खरीदने का मौका, ऑफर सीमित

 TVS Maha Dhamaka Offer: स्कूटर या बाइक खरीदने वालों के लिए इस महीने अच्छा मौका है. टू व्हीलर कंपनी टीवीएस मोटर कंपनी (TVS Motor Company) ने कस्टमर्स को 13000 रुपये की बचत के साथ स्कूटर और बाइक खरीदने का शानदार ऑफर दिया है. इस ऑफर में आपको कैश डिस्काउंट और एक्सचेंज ऑफर दिए जा रहे हैं. इस ऑफर में टीवीएस की बाइक TVS Radeon, स्कूटर में TVS Jupiter और TVS Ntorq 125 और दूसरी टू व्हीलर्स की बिक्री कर रही है. बता दें आपको ये टू व्हीलर बीएस 4 (BS IV) वर्जन में मिलेंगे.
ऑफर में है ये खास
टीवीएस की तरफ से दिए जा रहे इस ऑफर में 2000 रुपये का कैश डिस्काउंट, 5000 रुपये तक का एक्सचेंज का फायदा और 8000 रुपये तक की बचत का फायदा ले सकते हैं. कंपनी की तरफ से यह ऑफर लिमिटेड बीएस 4 के स्टॉक्स खत्म होने तक लागू हैं. 
टीवीएस महा धमाका ऑफर में फिलहाल इन टू व्हीलर की खरीदारी पर अच्छा फायदा मिल रहा है. कस्टमर इस ऑफर के लिए अपने नजदीकी डीलरशिप में विजिट कर सकते हैं. इस ऑफर में कस्टमर्स को बिना किसी एक्स्ट्रा कॉस्ट के 5 साल की वारंटी भी मिलेगी. 
इन बातों का रखें ध्यान
इस ऑफर के तहत बिकने वाली बाइक और स्कूटर में लगे एक्सेसरीज की लागत अलग-अलग डीलरशिप के मुताबिक हो सकती है. आपको बता दें कि कैश बेनिफिट का फायदा TVS Jupiter, TVS Ntorq, TVS Scooty Pep Plus, TVS Zest, TVS Radeon, TVS StaR City, TVS Sport और TVS Victor मॉडल पर मिलेगा. यह सभी ऑफर सिर्फ बीएस 4 वर्जन के टू व्हीलर्स के लिए है. इस ऑफर से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए कस्टमर कंपनी की वेबसाइट www.tvsmotor.com पर भी विजिट कर सकते हैं.बता दें, ऑटोमोबाइल कंपनियां आगामी 1 अप्रैल 2020 से देश में सिर्फ बीएस 6 (BS VI) वर्जन की गाड़ियां ही बेच सकेंगी. ऐसे में तमाम ऑटो कंपनियां बीएस 4 मॉडल के स्टॉक को क्लियर करने के लिए आकर्षक ऑफर दे रही हैं. टीवीएस ने भी इसी स्टॉक को ध्यान में रखते हुए यह ऑफर दिया है.

31 मार्च से पहले निपटा लें ये चार काम, वर्ना हो सकता है नुकसान, बंद हो रही स्कीम

    

PM Kisan Yojana, Aadhaar Pan linking Income Tax Return LIC Policy: पैन आधार लिंक करने की डेडलाइन खत्म होने के करीब है। ऐसे में अगर जिन लोगों ने पैन कार्ड और आधार कार्ड को इंटरलिंक नहीं किया है वे लोग इस डेडलाइन के खत्म होने से पहले ही इस काम को निपटा लें।PM Kisan Yojana, Aadhaar Pan linking Income Tax Return LIC Policy: 31 मार्च से पहले चार ऐसे महत्वपूर्ण काम हैं जिन्हें आपको हर हाल में निपटा लेना चाहिए। इस डेडलाइन तक अगर आप इन कामों को नहीं करते तो आपको नुकसान हो सकता है। दरअसल 31 मार्च पैन-आधार लिंक कराने, प्रधानमंत्री आवास योजना में सब्सिडी का फायदा उठाने, प्रधानमंत्री वय वंदना योजना में निवेश और वित्त वर्ष के लिए टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख है।पैन आधार लिंक करने की डेडलाइन खत्म होने के करीब है। ऐसे में अगर जिन लोगों ने पैन कार्ड और आधार कार्ड को इंटरलिंक नहीं किया है वे लोग इस डेडलाइन के खत्म होने से पहले ही इस काम को निपटा लें। इसके अलावा वे लोग जो घर खरीदने की योजना बना रहे हैं और होम लोन लेना चाहते हैं उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर लेने पर लोन पर ढाई लाख रुपये तक की सब्सिडी मिल सकती है। अगर वे इसका लाभ उठाना चाहते हैं तो 31 मार्च से पहले इस योजना के होम लोन पर मिलने वाली क्रेडिट-लिंक्ड ब्याज सब्सिडी का फायदा उठा सकते हैं।वहीं प्रधानमंत्री वय वंदना योजना केंद्र सरकार की पेंशन योजना है। इसमें निवेश करने वालों को कई तरह के फायदे दिए जाते हैं। योजना के लिए सरकार ने एलआईसी से हाथ मिलाया है। पॉलिसी के मुताबिक एकमुश्त प्रीमियम भरने पर पॉलिसीधारक को हर महीने आजीवन 10 हजार रुपये की पेंशन दी जाती है। ये पॉलिसी भी 31 मार्च को बंद कर दी जाएगी। इसके अलावा वे चालू वित्त वर्ष के लिए टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है उनके लिए 31 मार्च आखिरी दिन है।

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