गुरुवार, 9 अप्रैल 2020

पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत ऐसे किसानों को एक साथ मिलेंगी कई किस्तें, रजिस्ट्रेशन को मंजूरी मिलते ही खाते में आएगी पूरी रकम


 PM Kisan Samman Nidhi Yojana: नियमों के मुताबिक यदि आपने पंजीकरण के लिए आवेदन किया है और किसी खामी के चलते अब तक रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया है या रिजेक्ट हो गया है तो फिर जब भी मंजूरी मिलेगी तो आपके खाते में रकम आ जाएगी।पीएम किसान सम्मान निधि के तहत देश के 9 करोड़ किसानों के खाते में धीरे-धीरे 2,000 रुपये की रकम पहुंचने लगी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 27 मार्च को कोरोना संकट से निपटने के लिए 1.7 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया था। इसी के तहत उन्होंने किसानों के लिए बड़ा ऐलान करते हुए कहा था कि पीएम किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को अप्रैल के पहले सप्ताह में 2,000 रुपये की रकम मिलेगी। इस ऐलान के तहत करोड़ों किसानों के खाते में राशि ट्रांसफर होने लगी है।अब भी ऐसे बहुत से किसान हैं, जो इससे वंचित हैं। दरअसल इसकी वजह यह है कि तमाम किसानों के रजिस्ट्रेशन को अभी मंजूरी नहीं मिल पाई है। हालांकि ऐसे किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। नियमों के मुताबिक यदि आपने पंजीकरण के लिए आवेदन किया है और किसी खामी के चलते अब तक रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया है या रिजेक्ट हो गया है तो फिर जब भी मंजूरी मिलेगी तो आपके खाते में रकम आ जाएगी।

तो एक साथ आ जाएगी पूरी रकम: पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लिए बने https://pmkisan.gov.in/ पोर्टल पर दी गई जानकारी के मुताबिक यदि किसी किसान ने दिसंबर से मार्च के 4 महीनों के दौरान रजिस्ट्रेशन कराया है और अब तक रकम नहीं आई है तो फिर जब भी उसका पंजीकरण स्वीकार होगा, तब उसके खाते में पिछले टर्म का और अप्रैल महीने का पैसा भी आ जाएगा।जानकारी अपलोड करने की तारीख से माना जाएगा रजिस्ट्रेशन: नियम के मुताबिक यदि कोई भी योग्य लाभार्थी किसान अपना रजिस्ट्रेशन कराता है और उसे मंजूरी मिलने में देरी होती है तो पंजीकरण की तारीख को तब से ही माना जाएगा, जब उसकी जानकारी पोर्टल पर अपलोड हुई हो। ऐसी स्थिति में किसान के आवेदन को जब भी मंजूरी मिलेगी, उसके खाते में पूरी रकम ट्रांसफर की जाएगी।

झारखंड में कोरोना के नौ नये मरीज, बोकारो में चार और रांची में पांच

रांची : झारखंड में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. स्थानीय समाचार चैनल के हवाले से , बोकारो में कोरोना चार नये संदिग्ध मरीज मिले हैं. इनमें बोकारो के तेलो गांव की कोरोना पॉजिटिव महिला के चार परिजन शामिल हैं. इधर, रांची में भी पांच लोगों के कोरोना संदिग्ध होने की खबर है. पिछले दिनों बोकारो के चंद्रपुरा स्थित तेलो गांव की 50 वर्षीय महिला अपने पति के साथ बांग्लादेश में तबलीगी जमात की हुई मरकज में शामिल हुई थी. वहां से वह हवाई मार्ग से रांची होकर बोकारो के रास्ते 15 मार्च को तेलो गांव पहुंची थी. उसके साथ चंद्रपुरा के ही चार और लोग भी थे.
झारखंड में अब तक चार मरीजों के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हो चुकी है. नौ नये संक्रमित मरीजों की पुष्टि हो जाती है, तो झारखंड में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ कर 13 हो जायेगी. झारखंड में सबसे पहला कोरोना पॉजिटिव मरीज राजधानी रांची के हिंदपीढ़ी में मिला था. यह मरीज 22 वर्षीय एक मलेशियाई युवती थी, जो दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के धार्मिक आयोजन में शामिल होने के बाद राजधानी एक्सप्रेस से 17 मार्च को रांची पहुंची थी. इसके बाद हजारीबाग के विष्णुगढ़ के करगालो गांव का 54 वर्षीय एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया गया था, जो आसनसोल में मजदूरी करता था.
वहीं, तीसरे मरीज के रूप में बोकारो के तेलो गांव की 50 वर्षीय महिला के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई थी. इसके बाद चौथा मरीज रांची के हिंदपीढ़ी में मिला, जो 61 वर्षीय एक महिला है. रांची में मिली दोनों कोरोना पॉजिटिव महिलाओं का इलाज रिम्स के ट्रॉमा सेंटर में बने कोविड-19 अस्पताल में चल रहा है. जबकि दो अन्य मरीजों का इलाज उनके संबंधित जिलों में बने विशेष अस्पतालों में किया जा रहा है.


मंगलवार, 7 अप्रैल 2020

PM Kisan Yojana प्रधानमंत्री किसान योजना A-Z


Pm Kisan Yojana, पीएम किसान योजना का लाभ कैसे प्रधानमंत्री किसान योजना से सम्बन्धित सम्पूर्ण जानकारी

PM किसान सम्मान निधि योजना

प्रधानमंत्री किसान निधि (PM-KISAN) एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जिसमें भारत सरकार से 100% वित्त पोषण होता है
PM KISAN YOJANA – किसान योजना 1/12/2018 को शुरू किया गया था (PMKSNY)
PRADHANMANTRI KISAN SAMMAN NIDHI YOJANA इस योजना के तहत देश भर के सभी किसान परिवारों को हर चार महीने में 2000 / – की तीन समान किस्तों में रु .6,000 / – प्रति वर्ष की आय सहायता प्रदान की जाती है।Pm Kisan Yojana योजना के लिए परिवार की परिभाषा पति, पत्नी और नाबालिग बच्चे हैं। लाभार्थी किसान परिवारों की पहचान की पूरी जिम्मेदारी राज्य / केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों के साथ है। फंड सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में स्थानांतरित किया जाता है।

 परिचालन दिशानिर्देश के बहिष्करण मानदंड के तहत कवर किए गए किसान योजना के लाभ के लिए पात्र नहीं हैं।
 
पटवारी / राजस्व अधिकारी / नोडल अधिकारी (पीएम-किसान) से संपर्क करना होगा।
    कॉमन सर्विस सेंटर (CSCs) को फीस के भुगतान पर इस योजना के लिए किसानों का पंजीकरण करने के लिए अधिकृत किया गया है।किसान कॉर्नर के माध्यम से किसान अपना स्व-पंजीकरण भी कर सकते हैं।
    पोर्टल में किसान कॉर्नर के माध्यम से किसान अपने आधार डेटाबेस / कार्ड के अनुसार अपना नाम पीएम-किसान डेटाबेस में भी संपादित कर सकते हैं।
पोर्टल में किसान कॉर्नर के माध्यम से किसान अपने भुगतान की स्थिति भी जान सकते हैं।
इस योजना में कृषि योग्य जमीन वाले किसान ऑनलाइन आवेदन कर योजना का लाभ ले सकते है किसानो को सालाना तिन किस्तों में 6000रु दी जाते है

शुक्रवार, 27 मार्च 2020

2 महीने का राशन और खिचड़ी केंद्र, कोरोना से ऐसे जंग लड़ रहा है झारखंड

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लाभार्थियों को दो महीने का राशन देने का फैसला किया है. सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि इस फैसले से झारखंड के करीब 90 फीसदी परिवार को फायदा मिलेगा.
  • सोरेन सरकार ने जारी किया रेट चार्ज
  • राज्य में खोले जाएंगे 350 खिचड़ी केंद्र
कोरोना से निपटने के लिए पूरा देश लॉकडाउन है. केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से लॉकडाउन के दौरान खाने-पीने के सामान की आपूर्ति के लिए खास इंतजाम किए जा रहे हैं. झारखंड ने भी अपनी कमर कस ली है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लाभार्थियों को दो महीने का राशन देने का फैसला किया है.
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि इस फैसले से झारखंड के करीब 90 फीसदी परिवार को फायदा मिलेगा. लोगों को भरोसा दिलाते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि निश्चिंत रहें, आपका बेटा या भाई झारखंड के लोगों की मदद के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. अभी तक झारखंड में कोरोना का कोई भी मामला नहीं आया है.
रेट चार्ट जारी
झारखंड सरकार ने बुधवार को सार्वजनिक वितरण आउटलेट्स पर आवश्यक वस्तुओं का रेट-चार्ट जारी किया था. रिपोर्ट के अनुसार, लॉकडाउन का फायदा उठाकर कुछ राशन की दुकानें वस्तुओं के लिए अधिक दाम ले रही है. इसके बाद रेट चार्ट जारी किया गया है. सरकार ने लोगों को यह आश्वासन भी दिया था कि उनके पास कई दिनों का पर्याप्त मात्रा में खाद्य स्टाक है.रांची के उपायुक्त राय महिमापत रे ने कहा कि प्रशासन ने आवश्यक वस्तुओं के लिए लोगों को ऑर्डर देने के लिए एक ऐप - वेजीगो शुरू किया है. उन्होंने कहा कि प्रशासन ने आवश्यक वस्तुओं के लिए एक होम डिलीवरी सेवा भी शुरू की है. इस बीच, झारखंड के वित्त, खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामेश्वर उरांव ने संबंधित अधिकारियों से नए राशन कार्डों के वितरण में तेजी लाने और 1 रुपये प्रति किलो की निर्धारित सब्सिडी दर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए कह
खुल रहे हैं खिचड़ी केंद्र
रामेश्वर उरांव ने अपने विभाग के अधिकारियों को राज्य भर में 'मुखिया दाल-भात योजना' के तहत 'खिचड़ी' परोसने और जरूरतमंदों को अपने बर्तनों के साथ आने और भीड़ से बचने के लिए घर ले जाने का निर्देश दिया. सीएम हेमंत सोरेन ने कहा था कि लॉकडाउन अवधि के दौरान गरीबों की सेवा के लिए राज्य में 350 'खिचड़ी केंद्र' खोले जाएंगे.

गुरुवार, 26 मार्च 2020

देश8.3 करोड़ परिवार को 3 महीने तक फ्री मिलेगा गैस सिलेंडर, जानिए क्या है कंडीशन

 कोरोनावायरस के खतरे के मद्देनजर आज देशव्यापी लॉकडाउन का दूसरा दिन है. इस बीच. केंद्र सरकार ने गरीबों की मदद के लिए खजाना खोल दिया है. लॉकडाउन से आम आदमी को राहत देने के लिए वित्त मंत्री ने आज 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया है. इस महापैकेज में वैसे तो कई घोषणाएं हैं मगर उसमें से सबसे प्रमुख है फ्री गैस सिलेंडर का. दरअसल, वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 3 महीने तक रसोई गैस सिलेंडर फ्री देने का ऐलान किया है.इससे 8.3 करोड़ महिलाओं का फायदा मिलेगा. वित्त मंत्री ने बताया कि उज्ज्वला योजना के तहत बीपीएल परिवारों को तीन महीने तक फ्री सिलिंडर मिलेगा. इससे देश के 40 करोड़ रुपये परिवारों को फायदा पहुंचेगा. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत ग्राहकों को मुफ्त गैस कनेक्शन मिलता है. हालांकि इस योजना में बदलाव का लाभ 1 अगस्त 2019 से जुड़ने वाले ग्राहकों को ही मिलेगा. तेल कंपनियों ने जुलाई 2020 तक ईएमआई रिकवरी प्लान टालने का फैसला किया है.उज्ज्वला योजना के तहत ग्राहक को एक स्टोव और एक LPG सिलेंडर देती है. इसकी कुल कीमत 3,200 रुपये है. इसमें 1,600 रुपये की सब्सिडी सरकार देती है. वहीं बाकी 1,600 रुपये तेल कंपनियां ग्राहकों को लोन के रूप में देती है. ग्राहकों को इसका भुगतान ईएमआई के रूप में करना होता है. 14.2 किलो का सिलेंडर खरीदने वाले ग्राहकों को पहले 6 रिफिल पर कोई ईएमआई नहीं देना होगा. सातवें रिफिल से ईएमआई की शुरुआत हो जाएगी. उसी तरह, अगर आप 5 किग्रा का एलपीजी सिलेंडर खरीदते हैं तो शुरुआती 17 रिफिल पर ईएमआई नहीं देना होगा. आपको सब्सिडी की पूरी रकम मिलेगी.

उज्जवला योजना के लिए ऐसे करें आवेदन?

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन लेने के लिए BPL परिवार की कोई महिला आवेदन कर सकती है. इसके लिए आपको KyC फार्म भर कर नजदीकी एलपीजी केंद्र में जमा करना होगा. PMUY में आवेदन के लिए 2 पेज का फॉर्म, जरूरी दस्‍तावेज, नाम, पता, जन धन बैंक अकाउंट नंबर, आधार नंबर आदि की जरूरत पड़ती है. आवेदन करते समय आपको यह भी बताना होगा कि आप 14.2 किलोग्राम का सिलेंडर लेना चाहते हैं या 5 किलोग्राम का. PMUY का आवेदन पत्र आप प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं. आप नजदीकी एलपीजी केंद्र से भी आवेदन फॉर्म ले सकते हैं.
उज्जवला योजना के लिए कौन से दस्तावेज जरूरी?
पंचायत अधिकारी या नगर निगम पालिका अध्‍यक्ष द्वारा अधिकृत BPL कार्ड
बीपीएल (BPL) राशन कार्ड
फोटो आईडी (आधार कार्ड, वोटर आईडी)
पासपोर्ट साइज की फोटो
राशन कार्ड की कॉपी
राजपत्रित अधिकारी (गैजेटेड अधिकारी) द्वारा सत्यापित स्व-घोषणा पत्र
LIC पालिसी, बैंक स्टेटमेंट
BPL सूची में नाम का प्रिंट आउट

अन्य जरूरी बातें

आवेदक का नाम SECC-2011 के आंकड़ों में होना चाहिए.
आवेदक महिला होनी चाहिए जिसकी उम्र 18 साल से कम ना हो.
महिला बीपीएल (BPL) परिवार से ही होनी चाहिए.
महिला का एक बचत खाता किसी राष्‍ट्रीय बैंक में होना अनिवार्य है.
आवेदक के घर में किसी के नाम से पहले से कोई एलपीजी कनेक्‍शन नहीं होना चाहिए.
आवेदक के पास बीपीएल कार्ड और और बीपीएल राशन कार्ड होना चाहिए.
 वर्तमान में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए पूरे देश को लॉक डाउन किया गया है। ऐसे में आम जनता को जरूरी समानों की खरीदारी में हो रही परेशानी को देखते हुए बिग बाजार, विशाल मेगामार्ट के प्रबंधक को हाॅम डिलिवरी के माध्यम से शहरी और आस पास लोगों के घरों तक खाद्यान्न पहुंचाने की सुविधा मुहैया कराने का निर्देश दिया गया है। आप सभी से आग्रह होगा कि अपने घरों में रहकर ही खाद्यान्नों का क्रय करें, ताकि राशन दुकानों में अत्यधिक भीड़ न एकत्रित हो।

झारखंड में मनरेगा की मजदूरी 23 रुपये रोजाना बढ़ी


झारखंड में मनरेगा मजदूरों की मजदूरी 23 रुपए प्रति दिन बढ़ा दी गई है। इसका फायदा प्रदेश के लगभग 34.71 लाख मनरेगा मजदूरों को मिलेगा। मनरेगा के तहत इतने जॉब कार्डधारी मजदूर फिलहाल सक्रिय हैं। भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने यह फैसला लिया है।
झारखंड में मनरेगा मजदूरों की पगार पहले 171 रुपए प्रति दिन थी। इसे बढ़ाकर 194 रुपए प्रति दिन की गई है। भारत सरकार ने इस फैसले की जानकारी झारखंड सरकार को दे दी है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव रोहित कुमार ने झारखंड सरकार को इस आशय का पत्र भेजा है। मनरेगा मजदूरी की बढ़ी हुई दर आगामी एक अप्रैल से लागू होगी। एक अप्रैल के बाद मनरेगा की किसी परियोजना में काम करने वाले मजदूरों को 194 रुपए रोजाना की दर पर पगार मिलेगी।
फिर भी झारखंड सरकार की न्यूनतम मजदूरी से कम 
मनरेगा की मजदूरी रोजाना 194 रुपए करने के बावजूद यह झारखंड सरकार की ओर से अकुशल मजदूरों के लिए तय न्यूनतम मजदूरी से कम है। झारखंड सरकार की ओर से तय न्यूनतम मजदूरी 242 रुपए प्रति दिन है। प्रदेश में मनरेगा की न्यूनतम मजदूरी झारखंड सरकार के बराबर करने की मांग लंबे समय से होती रही है। यह सियासी मुद्दा भी बनता रहा है। मनरेगा की न्यूनतम मजदूरी और झारखंड सरकार की न्यूनतम मजदूरी के अंतर को पाटने के लिए झारखंड सरकार सरकार अपने स्तर से पहल कर सकती है। कुछ राशि राज्य सरकार के फंड से प्रोत्साहन भत्ता के तौर पर दी जा सकती है। यह केंद्र को भेजे जाने वाले मानव दिवस बजट से अलग होगा।
राज्य सरकार ने भेजा था 272 रुपए करने का प्रस्ताव
झारखंड सरकार ने मनरेगा मजदूरों की दैनिक मजदूरी 272 रुपए प्रति दिन करने का प्रस्ताव भेजा था। ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने विधानसभा में इसकी जानकारी भी दी थी। उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार मनरेगा मजदूरों की मजदूरी बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बना रही है। जल्दी ही इसके बेहतर परिणाम आने की संभावना है। परंतु, केंद्र सरकार ने झारखंड सरकार के प्रस्ताव को पूरी तरह से नहीं माना। केवल झारखंड की मनरेगा मजदूरी बिहार के बराबर कर दी। ज्ञात हो कि बिहार में भी मनरेगा की मजदूरी 194 रुपए रोजाना ही है।

  झारखंड में पंचायत चुनाव 2020: जनवरी से अफसरों के हाथ गाँव की सरकार, पड़ावगी केंद्रीय मदद रांची:  दिसंबर में ही राज्य में 'गांव की सरका...